अभ्यर्थना संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] १. संमुख प्रार्थना । विनय़ । दरख्वास्त । २. समान के लिये आगे बड़कर लेना । अगवानी । उ॰—लोग स्टेशन पर उनकी अभ्यर्थना के लिये खड़े थे (शब्द॰) ।