प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अभ्यंतर ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अभ्यन्तर]

१. मध्य । बीच । उ॰—निसि लौ रमत कोष अभ्यंतर, जो हित कहौ सो थीरी ।—सूर॰, १० । ३८४८ ।

२. हृदय । अंत:करण ।

अभ्यंतर ^२ क्रि॰ वि॰ भीतर । अंदर ।

अभ्यंतर ^३ वि॰

१. सुपरिचित । अंतरंग । निकटतम ।

२. घनिष्ठता के साथ संबद्ध ।

३. कुशल ।

४. भीतर का । अंदर का । भीतरी । उ॰—बाहिर कोटि उपाय करिय, अभ्यंतर ग्रंथि न छूटै ।— तुलसी ग्रं॰ पृ॰ ५१५ ।