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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अबोल ^१ पु वि॰ [सं॰ अ+हि॰ बोल]

१. मौन । अवाक् । उ॰— (क)बोलहिं सुअन ढे़क बक लेदी । रही अबोल मीन जलभेदी ।—जायसी (शब्द॰) ।(ख) पीरी पाती पावती पीरी चढ़ी कपील । कोरे बदल बिलोकि के मुदिता भई अबोल (शब्द) ।

२. जिसके विषय में बोल न सकों । उ॰ जहाँ बोल अक्षर नहीं आया । जहाँ अक्षर तहँ मनहिं दृढ़ाया । बोल अबोल एक है सोई । जिन या लख सो बिरला कोई ।—कबीर (शब्द॰) ।

अबोल ^२ संज्ञा पुं॰ कुबोल । बुरी बोल ।