अबर
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अबर ^१ पु वि॰ [सं अ+ बल] अबल । निबल । उ॰ —ये अबर पीर जबर सबर बिन मरुँ ।—तुलसी॰ श॰, पृ॰ ५१ ।
अबर ^२ पु वि॰ [सं॰ अपर, अवर] अन्य । और । दूसरा । उ॰— सरिता सिंधु अनेक अबर सखी बिलसत पति सहज सनेह ।— सूर॰ (राधा॰) २७६७ ।
अबर ^३ पु वि॰ [सं॰ अवर] अश्रेष्ठ । अव्यंग्य । अधम । उ॰— इहाँ उछाह वाक्य तें काव्य होता है ।—भिखारी ग्रं॰, भा॰ भा॰२, पृ॰ २४४ ।
अबर ^४ पु संज्ञा पुं॰ [ फा॰ अब, सं॰ अभ्र] बादल । उ॰—अगर यों जान जिंदगानी । अबर ओला घुले पानी ।—तुलसी॰ श॰, पृ॰ ३१ ।