अप्रस्तुत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अप्रस्तुत वि॰ [सं॰]
१. जो प्रस्तुत बा मौजुद न हो । अनुपस्थित ।
२. जो प्रसंगप्राप्त न हो । अप्रासंगिक । जिसकी चर्चा न आई हो ।
३. जो तैयार न हो । जो उद्यत न हो ।
४. गौण । अप्र- धान । उ॰ —इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अप्रस्तुत (उपमान) भी उसी प्रकार के भाव का उत्तेजक हो ।—रस॰, पृ,॰ ३४६ ।