अपरत्व
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अपरत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰] १ पिछालापन । अर्वाचीनता ।
२. परायापन । बेगनगी ।
३. न्यायशास्त्रनुसार चौबीस गुणों में से एक । यह दो प्रकार का है—एक कालभेद से दूसरा देशभेद से । दे॰ 'अपरता ।'
अपरत्व संज्ञा पुं॰ [सं॰] १ पिछालापन । अर्वाचीनता ।
२. परायापन । बेगनगी ।
३. न्यायशास्त्रनुसार चौबीस गुणों में से एक । यह दो प्रकार का है—एक कालभेद से दूसरा देशभेद से । दे॰ 'अपरता ।'