अन्तराल
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अंतराल संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्तराल]
१. घिरा हुआ स्थान । आवृत स्थान । घेरा । मंडल । उ॰—तुम कनक किरण के अंतराल में लुक छिपकर चलते हो क्यों ।—चंद्र॰, पृ॰ ६३ ।
२. मध्य । बीच । उ॰—वह देखो वन के अंतराल से निकले, मानो दो तारे क्षितिज पटी से निकले ।—साकेत, पृ॰ २२१ ।
३. भीतर । ओट । उ॰—'कुलपुत्रों को चुप देखकर किसी ने साल के अंतराल से सुकोमल कंठ से कहा' ।—इंद्र॰, पृ॰ १३२ ।