प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अनुकरण संज्ञा पुं॰ [सं॰] [वि॰ अनुकरणीय, अनुकृत]

१. देखा देखी काम । नकल । समान आचरण । उ॰—आज सोचता हुँ जैसे पदिमनी थी कहती—'अनुकरण कर मेरा' ।—लहर पृ॰ ६७ ।

२. पीछे आनेवाला । वह जो पीछे उत्पन्न हो । उ॰—आलंबन उद्दीपन के जे अनुकरण बखाना ते कहिए अनुभावा सब, दंपति प्रीति विधान ।—केशव (शब्द॰) ।