अधरम
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अधरम पु संज्ञा पुं॰ [हि॰] दे॰ 'अधर्म' । उ॰—जब जब होई धरम कैहानी । बढ़ाहि असुर प्रधरम अमिमानी । —मानस १ ।१२१ ।
अधरम पु संज्ञा पुं॰ [हि॰] दे॰ 'अधर्म' । उ॰—जब जब होई धरम कैहानी । बढ़ाहि असुर प्रधरम अमिमानी । —मानस १ ।१२१ ।