प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अथ अव्य [सं॰]

१. एक मंगलसूचक शब्द जिससे प्राचीन काल में लोग किसी ग्रंथ या लेख का आरंभ करते थे । जैसे—(क) 'अथतो धर्म व्याख्यास्याम:' ।—वैशोषिक । [ख] 'अथातो ब्रह्माजिज्ञासा' ।—ब्रह्मसूत्र । पीछे से यह ग्रंथ के आरंभ में उसके नाम के पहले लिखा जाने लगा । जैसे—'अथ विनयपत्रिका लिख्यते' ।

२. अब ।

३. अनंतर । तदनंतर ।