प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अतीत ^१ वि॰ [सं॰]

१. गत । व्यतीत । बीता हुआ । गुजरा हुआ । भूत । उ॰—चिंता करत हूँ मैं जितनी उस अतीत की, उस सुख की ।—कामायनी, पृ॰ ६ ।

२. निर्लेप । असंग । विरक्त । पृथक् । गुदा । अलग । न्यारा । उ॰—धनि धनि साँई तू बड़ा, तेरी अनुपम रीत । सकल भुवनपति साइयाँ ह्वै केर है अतीत ।—कबीर (शब्द॰) ।

३. मृत । मरा हुआ ।

अतीत ^२ क्रि॰ वि॰ परे । बाहर । उ॰—गुन अतीत अविगत प्रवि- नासी सो ब्रज में खेलत सुखरासी ।—सूर (शब्द॰) ।

अतीत पु ^३ संज्ञा पुं॰ वीतराग संन्यासी । यति । विरक्त साधु । उ॰— (क) अजर धान्य अतीत की, गृही करै जु अहार । निश्चय होय दरिद्री, कहै कबीर विचार । कबीर (शब्द॰) । (ख) अति सीतल अति ही अमल, सकल कामना हीन, तुलसी ताहि अतीत गनि, बृत्ति सांति लयलीन ।—तुलसी ग्रं॰ पृ॰ १४ ।

अतीत पु ^४ संज्ञा पुं॰ [सं॰ अतिथि]

१. अभ्यागत । अतिथि । पाहुन । मेहमान । उ॰—आरत दुखी सीत भयभीता । आयो ऐसो गेह अतीता ।—सबल (शब्द॰) ।

२. संगीत में वह स्थान जो सम से दो मात्राओं के उपरांत आता है । यह स्थान कभी कभी सम का काम देता है । उ॰—सूर स्रुति तान बँधान अमित अति सप्त अतीत अनागत आवत ।— सूर॰, १ । १२६६ ।

३. तबले के किसी बोल या टुकड़े की सम से आधी या एक मात्रा के पहले समाप्ति ।