अतिरेक संज्ञा पुं॰ [सं॰] १. आवश्यकता से अधिक होने का भाव, गुण या स्थिति । २. आधिक्य । अतिशयता । उ॰—प्राणों में विस्मृति है उर में सुख श्री का अतिरेक । ३. भेद । अंतर (को॰) ।