अतिथि
संज्ञा
- किसी समारोह, कार्यक्रम आदि में किसी के यहाँ आमन्त्रित करने पर पधारने वाला/वाले व्यक्ति।
- मेहमान
यह भी देखें
- अतिथेय (विलोम)
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अतिथि संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. घर में आया हुआ अज्ञातपूर्व व्यक्ति । वह जिसके आने का समय निश्चित न हो । अभ्यागत । मेह- मान । पाहुन । उ॰—उस अनोखे अतिथि को आतिथ्य में चुपचाप ।—शकुं॰, पु॰ ५ ।
२. वह संन्यासी जो किसी स्थान पर एक रात से अधिक न ठहरे । व्रत्य ।
३. मुनि (जैनसाधु) ।
४. अग्नि का एक नाम ।
५. अयोध्या के राजा सुहोत्र जो कुश के पुत्र और रामचंद्र के पोत्र थे ।
६. यज्ञ में सोमलता को लानेवाला व्यक्ति ।