प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अटकाना क्रि॰ स॰ [ हिं॰ अटकना' का प्रे॰ रूप] [ संज्ञा अटकाव ]

१. रोकना । ठहराना । अड़ना । लगाना । उ॰—गए तबहिं तैँ फेरि न आए । सूर स्याम वै गहि अटकाए ।—सूर॰, १० । २२७८ ।

२. फँसाना । उलझाना । उ॰—तबहिं साम्य इक बुद्धि उपाई । जुवती गईं घरनि सब अपनै गृह कारज जननी अटकाई ।—सूर॰, १० । ३८३ ।

३. डाल रखना । पूरा करने में बिलंब करना । जैसे,—उस काम को अटका मत रखना ।— (शब्द॰) ।