प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंजना ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अञ्जना]

१. कुंजर नामक बन्दर की पुत्री और केसरी नामक बन्दर की स्त्री जिसके गर्भ से हनुमान उत्पन्न हुए थे ।हनुमान की माता । कहीं कहीं अञ्जना को गौतम की पुत्री भी लिखा है ।

२. आँख की पलक के किनारे पर होनेवाली एक लाल छोटी फुंसी जिसमें जलन और सुई चुभने के समान पीड़ा होती है । बिलनी । गुहांजनी ।

३. दो रंग की छिपकली ।

४. उत्तर पुर्व के दिग्गज सुप्रतीक की स्त्री (को॰) ।

अंजना ^२ संज्ञा पुं॰

१. एक जाति का मोटा धान जो पहाड़ी प्रदेशों में होता है ।

२. एक पहाड़ ।

अंजना ^३ पु क्रि॰ स॰ [सं॰ अञ्जन] दे॰ 'आँजना' । उ॰— (क) कालिंदी न्हावहिं न नयन अंजै न मृगंमद ।—पृ॰ रा॰, २ ।३४९ । (ख) जथा सुअंजन अंजि दृग साधक सिद्ध सुजान ।—मानस, १ ।१ ।