प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अज्ञान ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. बोध का अभाव । जड़ता । मूर्खता । अविद्या । मोह । अजानपन । उ॰—अज्ञान भला जिसमें सोहं तो क्या, स्वयं अहं भी कब है । —साकेत, पृ॰, ३१६ ।

२. जीवात्मा को गुण और उनके कार्यों से पृथक् न समझने का अविवेक ।

३. न्याय में एक निग्रहस्थान । यह उस समय होता है जब प्रतिवादी के तीन बार कहने पर भी वादी किसो ऐसे विषय को समझने में असमर्थ हो जिसे सब लोग जानते हों ।

४. किसी भी जीव के पास ज्ञान होते हुये भी ज्ञान का प्रयोग न करना 'अज्ञान' है |


अज्ञान ^२ वि॰ ज्ञानशून्य । मूर्ख । जढ़ । नासमझ । अनजान । उ॰— मैं अज्ञान कछू नहिं समुझ्यौं, परि दुख पुंज सह्यौ । — सूर॰ १ । ४६ ।