प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अजपा ^१ वि॰ [सं॰]

१. जिसका उच्चारण न किया जाय । उ॰— जपते सभक्ति अजपा विभक्त हो राम नाम ।—अपारा, पृ॰ ४१ ।

२. जो न जपे या भजे ।

अजपा ^२ संज्ञा पुं॰

१. उच्चारण न किया जानेवाला तांत्रिकों का मंत्र । वह जप जिसके मूल मंत्र 'हंसः' का उच्चारण श्वास- प्रश्वास के गमनागमन मात्र से होता जाय । हंस मंत्र । उ॰—अजपा जपत सुंनि अभिअंतरि, यहु तत जानै सोई ।—कबीर ग्रं॰, पृ॰ १५९ ।