प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अछेद ^१ पु वि॰ [सं॰ अच्छेद्य] जीसका छेदन न हो सके । जो कट न सके । अभेद । अखंडय्य । उ॰—अभिन अछेद रुप मम जान जो सब घट है एक सामान ।—सूर॰, ३ ।१३ ।

अछेद ^२ संज्ञा पुं॰ अभेद । अभिन्नता । छल छिद्र का अभाव । उ॰— चेला सिद्धि सो पावै, गुरु सौं करै अंछेद ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ १०९ ।