हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अचित् ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. जडप्रकृति । अचेतन । 'चित्' का उलटा ।

२. रामानजाचार्य के अनुसार तीन पदार्थों में से एक । विशेष—यह भोग्य, दृष्य, अचेतन स्वरुप, जड़ात्मक और भोग्यत्व विकार से युक्त माना जाता है । इसके भोग्य, भोगदोपकरण और भोगायन ये तीन प्रकार माने गए है ।

अचित् ^२ वि॰ अचेतन । चेतनारहित । जड़ [को॰] ।