अघाउ पु † संज्ञा पुं॰ [प्रा॰ अग्घव = पूरा करना] संतुष्ट या तृप्त होने का भाव । संतोष । तृप्ति । उ॰—भरत सभा सनमानि सराहत होत न हृदय अघाउ । —तुलसी ग्रं॰ पु॰ ५०९ ।