प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अग्र ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. आगे का भाग । अगला हिस्सा । आगा । उ॰—बहुरि करि कोप हल अग्र पर बक्र धरि कटक को सकल चाहत डुबायो । —सूर॰ (शब्द॰) ।

२. सिरा । नोक । उ॰— जैसे जव के अग्र ओस कन प्राण रहत ऐसे अवधिहि के तट । — सूर (शब्द॰) ।

३. स्मृति के अनुसार अन्न की भिक्षा का एक परिमाण जो मोर के ४८ अंडों के बराबर होता है ।

४. श्रृंग । शिखर (को॰) ।

५. श्रेष्ठता । उत्कर्ष (को॰) ।

६. आलंबन । अवलंबन (को॰) ।

७. प्रारंभ । शुरुआत (को॰) ।

८. समूह । भाड़ (को॰) ।

९. पल नाम की एक तौल (को॰) ।

१०. अपने वर्ग या जाति का सर्वोत्तम पदार्थ (को॰) ।

११. सूर्य का घेरा या मंडल (को॰) ।

अग्र ^२ क्रि॰ वि॰ आगे । उ॰—चली अग्र करि प्रिय सखि सोई । प्रीत पुरातन लखइ न कोई । —तुलसी॰ (शब्द॰) ।

अग्र ^३ वि॰

१. अगला । प्रथम ।

२. श्रेष्ठ । उत्तम ।

३. प्रधान । मुख्य ।

४. अधिक । ज्यादा । [को॰] ।