अग्निहोत्र संज्ञा पुं॰ [सं॰] वेदोक्त मंत्रों से अग्नि में आहुति देने की क्रिया । एक यज्ञ । उ॰—जलने लगा निरंतर उनका अग्निहोत्र सागर के तीर । —कामायनी, पृ॰ ३१ ।