प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अग्निकुमार संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. कार्तिकेय । षड़ानन ।

२. आयुर्वेद के अनुसार एक रस जो विभिन्न अनुपानों के साथ देने से अरुचि, मंदाग्नि, श्वास, कास, कफ, प्रमेह आदि रोगों को दूर करता है ।