अखरना
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अखरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ खर = तीव्र कटु]
१. दुखदाई होना । कष्टकर होना । उ॰—चहचह चिरी धुनि कहकह केकिन की घहघह घनसोर सुनतै अखरिहै ।— भिखारी ग्रं॰, भा॰ १, पृ॰ २२९ ।
२. बुरा लगना । खलना । उ॰— 'चिट्ठी लगाना सत्तीदीन की स्त्री को अखरता ।'—बिल्ले॰, पृ॰ १६ ।