प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अक्षरन्यास संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. लेख । लिखावट ।

२. तंत्र की एक क्रिया जिसमें किसी मंत्र के एक एक अक्षर को पढ़कर हृदय, नाक, कान, आँख आदि छूते है ।

३. वर्ण । अक्षर (को॰) ।