अक्षत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अक्षत ^१ वि॰ [सं॰] क्षत या घाव से रहित । व्रणशून्य । उ॰— 'ब्राह्मण को कभी नहीं मारना पर सब धन को बचाकर अक्षत केवल राज से बाहर कर देना चाहिये' । —श्रीनिवास ग्रं॰, पृ॰ १० । २ बिना टूटा हुआ । अखड़ित । सर्वांगपूर्ण । समूचा ।
अक्षत ^२ संज्ञा पुं॰
१. बिना टूटा हुआ चावल जो देवताओं की पूजा में चढ़ाया जाता है ।
२. धान का लावा ।
३. जौ ।
४. कोई भी धान्य (को॰) ।
५. हानि या अशुभ का अभाव, कल्याण (को॰) ।
६. शिव (को॰) ।
७. हिजड़ा (को॰) ।