अक्क
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अक्क ^१ पु संज्ञा पं॰ [सं॰ अर्क प्रा॰ अक्क]
१. सूर्य । रवि । उ॰— गतिधीर धीर वह चली सेन, रजरंजित अंबर अक्क ऐन ।— सुजान॰, पृ॰ १८ ।
२. आक । मदार । उ॰—दहिसी गात कुवाँरियाँ, थल जाली वलि अक्क ।—ढोला॰, दू॰ २८९ ।
अक्क ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] घर का कोना [को॰] ।
अक्क ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰] अक्का (माँ) का संबोधन रूप; जैसे— 'हे अक्क' ।