अकृत
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकृत ^१ वि॰ [सं॰]
१. बिना किया हुआ । असंपादित । ।
२. जो किसी का बनाया न हो । नित्य । स्वयंभू । शिव ।
३. प्राकृतिक ।
४. जो किसी आकार में ढलता ना हो ।॰—नाहिं मेरे और कोउ बलि, चरन कमल बिनठाउँ । हौं अँसौच, अकृत, अपराधी संमख होत लजाउँ ।— सूर (शब्द॰) ।
५. कच्चा । अपक्व (भोजन) (को॰) ।
अकृत ^२ संज्ञा पुं॰
१. कारण ।
२. मोक्ष ।
३. स्वभाव । प्रकृति ।
४. जो पूर्ण न किया गया हो । अधूरा या अपूर्ण कार्य (को॰) ।