अकूट
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकूट वि॰ [सं॰] [स्त्री॰ अकूटा]
१. जो प्राकृतिक हो । अकृत्रिम । दिव्य । अलौकिक । उ॰—उतर को देइ देव मरि गएऊ । सनद अकूट मँडप महँ भएऊ ।—जायसी ग्रं॰ (गुप्त), पृ॰ २५० । २ जो व्यर्थ न हो अमोघ (शस्त्र) (को॰) ।
३. जो खोटा या नकली न हो (सिक्का) (को॰) ।