अकुचना
हिन्दी
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अकुचना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ आकुञ्चन] आकुंचित होना । संकुचित होना । उ॰—काहे कौ पीय संकुचत हौ । अब ऐस जिनि काम करौ कहुँ जौ अति हीं जिय अकुचत हौ ।—सुर॰, १० ।२७३२ ।
अकुचना पु क्रि॰ अ॰ [सं॰ आकुञ्चन] आकुंचित होना । संकुचित होना । उ॰—काहे कौ पीय संकुचत हौ । अब ऐस जिनि काम करौ कहुँ जौ अति हीं जिय अकुचत हौ ।—सुर॰, १० ।२७३२ ।