अकीधा पु वि॰ [सं॰ अकृत] बिना किया हुआ । न किया हुआ । उ॰—जिम सिणागार अकीधै सौहित्रि प्रा आगमि जाणियै प्रिया ।—वेलि॰ दु॰ २२८ ।