अकिलदाढ़ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ अकिल+ दाढ़] वह दाँत जो मनुष्यों के वयस्क होने पर ३२ दाँतों के अतिरिक्त निकलता है । विशेष—कहते है इस दाँत के निकलने पर मनुष्य का लड़कपन जाता रहता है और वह समझदार हो जाता है ।