प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकिंचन ^१ वि॰ [सं॰ अकिञ्चन]

१. जिसके पास कुछ न हो । निर्धन । धनहीन । दीन । कंगाल । दरिद्र । गरीब । मुहँताज । उ॰—देख अकिंचन जगत लूटता तेरी छवि भोली भाली ।—कामायनी, पृ॰ ४० ।

२. आवश्यकता से आधिक धन का सग्रह न करनेवाला । परिग्रहत्यागी ।

३. जिसे भोगने के लिये कुछ कर्म न रह गए हों । कर्मशून्य ।

अकिंचन ^२ संज्ञा पुं॰

१. निर्धन मनुष्य । गरीब आदमी । दरिद्र मनुष्य ।

२. जैन मत के अनुसार परिग्रह का त्याग या ममता से निवृत्ति जा दस प्रकार के साधुधर्मों में से एक है ।

३. वह वस्तु जिसका कुछ मूल्य न हो (को॰) ।