अकलैमूल पु वि॰ [प्रा॰ एक्कलइ = एक ही+सं॰मूल] जिस घे आगे पीछे कोई न हो । अकेला । तनहा उ॰—मचला अकलैमूल पातर खाउँखाउँ करै भूखा ।—सूर॰, १ ।१८६ ।