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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अकलप ^पु वि॰ [सं॰ अकल्प्य] जिसकी कल्पना न की जा सके । कल्पनातीत । उ॰—मैमंता अविगत रता अकलप आसा जीति । राम अमलि माता रहै जीवत मुकति अतीति ।— कबीर ।

अकलप ^पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ आकल्प] कल्प पर्यत । अनेक युगों तक । उ॰—अ सन तजि अनत जिनि जावौ । अकलप भिछ्या बैठा खावौ ।—गोरख॰, पृ॰ २३९ ।