अकंड वि॰ [हिं॰ अकड़] तेज । अकड़दार । उ॰—'इंशा' बदल के काफिये रख खेड़छाड़ के, चढ़ बैठ एक और बछेड़े अकंड पर ।—कविता कौ॰, भा॰ ४, पृ॰ २७८ ।