प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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अंधक संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्धक]

१. नेत्रहीन मनुष्य । दृष्टिरहित व्यक्ति । अंधा ।

२. कश्यप ओर दिति का पुत्र एक दैत्य । विशेष—इसके सहस्त्रर सिरे थे । मद के मारे अंधों की नाई चलने के कारण यह अंधक कहलाता था । स्वर्ग से पारिजात लाते समय यह शिव द्धारा मारा गया । इसी से शिव को अंधकारि वा अंधकारिपु कहते हैं ।

३. क्रोष्टी नामक यादव के पौत्र और युधाजित के पुत्र । विशेष—अंधक नाम की यादवों की इन्हीं से चली । इनके भाई वृष्णि जिनसे वृष्णिवंशी यादव हुए जिनमें कृष्ण थे ।

४. वृहस्पति के बड़े भाई उतथ्य ऋषि के पुत्र महातपा नामक ऋषि । इनकी माता का नाम ममता था ।