प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंतस्तल संज्ञा पुं॰ [सं॰ अन्तस् + तल]

१. मन हृदय । चित्त । उ॰—उठती अंतस्तल से सदैव दुर्ललित लालसा जो कि कांत ।— कामायनी, पृ॰ १४० ।

२. मन का भीतरी तल या भीतरी तह । उ॰—पर जो हृदय के अंतस्तल पर मार्मिक प्रभाव चाहते हैं, किसी भाव की स्वच्छ निर्मल धारा में कुछ देर अपना मन मग्न रखना चाहते हैं, उनका संतोष बिहारी से नहीं सकता ।—— इतिहास, पृ॰ २५१ ।