अंडा देता हुआ पक्षी

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संज्ञा

पु.

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उच्चारण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंडा ^१ संज्ञा पुं॰. [सं॰. अण्डक, प्रा॰. अंडअ] [वि. अंडैल]

१. बच्चों को दूध न पिलानेवाले जंतुओं के गर्भाशय से उत्पन्न गोल पिंड जिसमें से पीछे से उस जीव के अनुरूप बच्चा बनकर निकलता है ।वह गोल वस्तु जिसमें से पक्षी, जलचर, और सरीसूप आदि अंडद जीवों के बच्चे फूटकर निकलते हैं । बैजा । उ॰—अंडा पालै काछुई बिनु थन राखै पोक ।—कबीर सा॰ सं॰, भा॰१, प॰. ८९ । मुहा॰—अंडा उड़ाना = (१) बहुत झूठ बोलना । बे पर की उड़ाना । (ख) असंभव को संभव कर दिखाना । अंडा खटकना = अंडा फूटने के करीब होना । जब अंडे से बच्चा निकलने में एक आध दिन रह जाता है तो उसके भीतर के बच्चे का अंडे के छिलके पर चोंच मारना । अंडा ढीला होना = (१) नस ढीली होना । थकावट आना । शिथिल होना । जैसे, यह काम सहज नहीं है, अंडा ढीला हो जायगा (शब्द॰) । (ख) खुक्ख होना । निर्द्रव्य होना । दिवालिया होना । जैसे, खर्च करते करते अंडे ढीले हो गए (शब्द.) । अंडा सरकना = (१) दे॰. 'अंडा ढीला होना' । (ख) हाथ पैर हिलाना । अंग डोलना । उठना । जैसे, बैठे बैठे बताते हो, अंडा नहीं सरकता (शब्द.) । अंडा सरकाना = हाथ पैर हिलाना । अंग डोलाना । उठना । उठकर जाना । जैसे, अब अंडा सरकोओ तब काम चलेगा (शब्द॰.) । प्रायः मोटे या बड़े अंडकोशवाले आदमी को लक्ष्य कर यह मुहावरा बना है । अंडे लड़ाना = जुवारियों का एक खेल जिसमें दो आदमी अंडे के सिरे लड़ाते है । जिसका अंडा़ फूट जाता है वह हारा समझा जाता है । अंडे का मलूक = सीधा सादा आदमी । अनुभवहीन व्यक्ति । अंडे का शाहजादा = वह व्यक्ति जो कभी घर से बाहर न निकला हो । वह जिसे कुछ अनुभव न हो । अंडे सेना = (१) पक्षियों का अपने अंडे पर गर्मी पहुँचाने के लिये बैठना । (ख) घर में रहना । बाहर न निकलना । जैसे, क्या घर में पड़े अंडे सेते हो (शब्द॰.) ।

अंडा ^२ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अण्डक] शरीर । देह । पिंड । उ.—आसन बासन मानुष अंडा । भए चौखंड जो एस पखंडा ।—जायसी (शब्द॰) ।