संज्ञा स्त्रीलिंग

  1. उँगली
  2. अंगूर की शराब

संज्ञा पुल्लिंग

  1. अंगुर से बना हुआ।
  2. अंगुरी रंग का।
  3. कपड़ा रँगने का एक हरा रंग जो नील और टेसु के फूल को मिलाकर बनाया जाता है।

विशेषण

प्रयोग

  • भरंति नीर सुंदरी। सु पांनि पत्त अंगुरी॥ चंदवरदाई (पृथ्वीराज रासो ६१, ३३९)
  • जो कोई ब्रज के रुखन के पतौआ तथा डार चोरेगी ताके हाथ की अंगुरी हों तोरुँगो। - (- दो सौ बावन वैषणव की वार्ता, भाग-१, पृ ३००)

मुहावरे/लोकोक्तियाँ

संबंदित शब्द

  • अंगुरीय

हिन्दी

प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंगुरी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अङ्गुरी] उँगली । उ॰—(क) भरंति नीर सुंदरी । सु पांनि पत्त अंगुरी । पृ॰ रा॰, ६१ ।३३९ । (ख) जो कोई ब्रज के रुखन के पतौआ तथा डार चोरेगी ताके हाथ की अंगुरी हों तोरुँगो ।- दो सौ बावन॰, भा॰१, पृ॰ ३०० ।

अंगुरी ^१ वि॰ [फा॰]

१. अंगुर से बना हुआ ।

२. अंगुरी रंग का ।

अंगुरी ^२ संज्ञा पुं॰ कपड़ा रँगने का एक हरा रंग जो नील और टेसु के फुल को मिलाकर बनाया जाता है ।

अंगुरी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [अंगुर की शराब का संक्षिप्त रुप] शराब ।

अंगुरी बेल संज्ञा स्त्री॰ [फा॰ अंगुरी + हिं॰ बेल] कपड़े आदि पर काढ़ी जानेवाली या छापी जानेवाली अंगुर की लता की आकृति ।