प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंगद संज्ञा पुं॰ [सं॰ अङ्गद]

१. बालि नामक बंदर का पुत्र जो रामचंद्र की सेना में था ।

२. बाहु पर पहनने का एक गहना । बिजायट । बाजूबंद । उ॰—उर पर पदिक कुसुम बनमाला अंगद खरे बिराजै ।— सूर, १० ।४

५१. ।

३. लक्षमण के दो पुत्रों में से एक ।

४. दुयोंधन के पक्ष का एक योद्धा