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  • पुल्लिंग
  • संयोजनः अंक + अवतार

संज्ञा

  1. नाटक में एक अंक की समाप्ति पर पात्रों को संकेत से यह बतलाना कि अगलें अंक में क्या-क्या बातें होंगी।


प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंकावतार संज्ञा पुं॰ [सं॰ अङ्कावतार] नाटक के किसी अंक के अंत में कथा को विच्छिन्न किए बिना आगामी अंक के आरंभिक दृश्य तथा पात्रों की सूचना या आभास, देनेवाला अंश (सा॰ दर्पण) । क्रि॰ प्र॰— होना ।