प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अंकमाल संज्ञा पुं॰ [ सं॰ अङ्क+ माला] अलिगन । भेंट । परिरंभण । गले लगना । उ॰— भगति हेत भगता के चले, अंकमाल ले बीठल मिले ।— रै॰ बानी, पृ॰ ५७ । मुहा॰—अंकमाल देना = आलिगन करना । भेटना । गले लगाना । उ॰— आजु आए जानि सब अंकमाल देत हैं ।— तुलसी ग्रं॰, पृ॰ १७० ।