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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँवलउ वि॰ [सं॰ प्रा॰ अबल] अस्वस्थ । व्यथित । उ॰ —सज्जण चाल्या हे सखी पड़हउ वाज्यउ द्रंग । काँही रली बधाँमणाँ, काँही अँवलउ अंग । —ढोला॰, दू॰ ३४१ ।