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प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँतरी † संज्ञा स्त्री॰ दे॰ 'अँवड़ी' । मुहा॰—अँतरी का बल खोलना=जी भर खाना । पेट भर खाना । कडी भूख मिटाना । अँतरियाँ जलना=जोरों की भूख लगना । अँतरियों में आग लगना=दे॰ 'अँतरियाँ जलना' ।