प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँतरिछ पु संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अंतरिच्छ' । उ॰—जाकी कुरीया अँतरिछ छाई । सो हरिचंद देखल नहि जाई ।-कबीर बी॰, पृ॰ १८ ।