प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँतरिखा पु † संज्ञा पुं॰ दे॰ 'अंतरिक्ष—१' । उ॰—बहुतक फिरा करहिं अँतरीखा । अहे जो लाख भए ते लीखा ।-पदु॰, पृ॰ १२० ।