प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँतरधान पु वि॰ दे॰ 'अंतरधान' । उ॰—ह्वै अँतरधान हरि मोहिनी रुप धरि जाइ बन माँहि दीन्हें दिखाई ।-सूर॰, ८ ।१० ।