प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अँटना क्रि॰ अ॰ [देश॰]

१. समाना । किसी वस्तु के भीतर आना । उ॰—(क) दूध इस बरतन में न अँटेगा (शब्द॰) । (ख) आनंद हृदय मे अँटना नहीं था ।—भक्तमाल (श्रीं॰) पृ॰ ५५० ।

२. किसी वस्तु के ऊपर सटीक बैठना । ठीक चपकना । उ॰—यह जूता मेरे पैर में नही अँटता है (शब्द॰) ।

३. भर जाना । ढँक जाना । छा जाना । उ॰—कूड़े से कूआँ अँट गया (शब्द॰) ।

४. पूरा पड़ना । काफी होना । बस होना । चलना । उ॰—(क) इतना कमाते है पर अँटता नहीं (शब्द॰) । (ख) अकेले हम इतने कामों को नहीं अँट सकते (शब्द॰) ।

५. पु. पुरा होना । खपना । लग जाना ।