अँगेट पु संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अङ्ग] अंगो की दीप्ति या कांति । उ॰— (क) एड़ी तें सिखा लों है अनूठिए अँगेट आछी ।—रसखान॰, पृ॰ १२० । (ख) साँवरे छैल की आछी अँगेट पै काम करोरिक वारियै जोहि कै ।—घनानंद॰, पृ॰ ४७ ।